सरकारी स्कूल में जगह कम पड़ी तो पैसे जुटाकर बनवा दिए नए कक्ष

इंदौर। महू के समीप स्थित कमदपुर गांव की लड़कियों के परिजन पढ़ाई के लिए उन्हें गांव से दूर भेजने को तैयार नहीं थे। विद्यार्थियों को जरूरत पड़ी तो गांव के हाई स्कूल को हायर सेकंडरी में तो तब्दील कर दिया गया, लेकिन नई कक्षाओं के लिए नए कक्ष और जगह की बात पर विभाग ने हाथ खड़े कर दिए। स्कूल की प्राचार्य ने विद्यार्थियों की परेशानी देखी तो पहले खुद नए कक्ष बनाने के लिए राशि दे दी। जब इससे बात नहीं बनी तो दूसरों से सहयोग लिया। देखते ही देखते सहयोग मिलता चला गया और विद्यार्थियों के लिए नए कक्ष तैयार हो गए। जिला शिक्षा कार्यालय ने प्राचार्य संगीता दोशी के स्कूल निर्माण की सफलता की कहानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन को भेजी है।


सरकारी कमदपुर स्कूल 2018 में हाई स्कूल से हायर सेकंडरी स्कूल में तब्दील हुआ। उस समय तक दो कमरों में स्कूल संचालित हो रहा था। छात्र संख्या बढ़ने के कारण स्कूल को चार कमरों की जरूरत थी। वर्तमान में इस स्कूल में 218 छात्र पढ़ रहे हैं। 11वीं व 12वीं की कक्षाएं बढ़ने के कारण छात्रों के लिए कक्ष बढ़ाने की जरूरत हुई। वर्तमान में स्कूल में प्राचार्य कक्ष, स्कूल के बरामदे में कक्षाएं चल रही हैं। कक्षा 9वीं के छात्र आधा किलोमीटर सामुदायिक भवन में पढ़ने जा रहे हैं। इससे शिक्षकों का भी आने-जाने में समय खराब होता है।


 

जनसहयोग से साढ़े पांच लाख रुपए जुटाए


प्राचार्य संगीता दोशी के मुताबिक 2019 में जब स्कूल में कक्षा 12वीं के छात्रों की संख्या बढ़ी तो उस समय स्कूल प्रबंधन को टिन शेड का कक्ष बनाने का विचार आया, लेकिन बारिश और गर्मी को ध्यान में रखकर पक्का कक्ष बनवाने का निर्णय लिया गया। मैंने सबसे पहले अपने पास से 10 हजार रुपए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 20 हजार रुपए व शिक्षकों से तीन-तीन हजार रुपए सहयोग राशि ली। इस तरह 50 हजार रुपए की राशि एकत्र हुई। बाद में विधायक उषा ठाकुर ने स्कूल निर्माण के लिए एक लाख रुपए की मदद की। फिर अपने रिश्तदोरों, साथी प्राचार्य, बेटी के दोस्तों, ग्रामीणों, सरपंच व निजी कंपनी सहित करीब 150 लोगों के सहयोग से करीब साढ़े पांच लाख रुपए सहयोग राशि मिली। इसमें से तीन लाख 80 हजार रुपए में छात्रों के लिए नया कक्ष तैयार किया जिसमें छात्र अब पढ़ते हैं। अब शेष राशि से स्कूल परिसर में बड़ा हॉल तैयार करवाया जा रहा है ताकि उसमें दो क्लास रूम तैयार हो सके। शिक्षा विभाग ने इस प्रयास को सराहते हुए इसे राज्य स्तर पर भेजा है।