ग्वालियर । संतान को जन्म पशु-पक्षी भी देते हैं, लेकिन मनुष्य संतान को जन्म देने के साथ संस्कार भी देता है। मनुष्य जन्म इसलिए श्रेष्ठ है क्योंकि वह नर से नारायण बनने की साधना कर सकता है। यह बात मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने गोकुलचंद जैन मंदिर समिति की ओर से आयोजित मुनिश्री के 49वें जन्मोत्सव समारोह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।
मुनिश्री ने कहाकि जब भी कोई कर्मों के बंधन से मुक्त होगा तो वह मनुष्य स्वरूप से ही होगा। चौरासी लाख योनियों में अगर कोई सर्वश्रेष्ठ योनि है तो वह मनुष्य योनि है। मुनिश्री के चरणों में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष पदमचंद्र जैन, देवेन्द्र जैन, नवरंग जैन, पवन जैन, डॉ. मुकेश जैन, दिलीप जैन, राहुल जैन आदि ने श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुनिश्री की उतारी आरती
मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज के 49वें जन्मोत्सव पर पाद प्रक्षालन राजेश जैन, पदमचंद्र जैन परिवार ने किया। शास्त्र भेंट जैन समाज के लोगों ने किए। महाअर्घ्य रोहित जैन परिवार ने दिया।