महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के पैंतरे सिखाएंगे किक बॉक्सर

कोरबा । बढ़ते सामाजिक प्रदूषण में अपनी व अपने प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती बनता जा रहा। इसे देखते हुए खासकर महिलाओं के लिए छत्तीसगढ़ मार्शल आर्ट एकेडमी यानी सीएमए की ओर से एक वर्कशॉप रखा गया है। इस वर्कशॉप में किक बॉक्सिंग के एक्सपर्ट महिलाओं, किशोरियों व बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस कारगर पैतरों से अवगत कराते हुए निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में यह जागरूकता कार्यक्रम इस वर्ष भी आयोजित किया जा रहा है। महिलाओं पर केंद्रित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सह सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप फॉर वुमन इम्पावरमेंट आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर रविवार को सुबह दस बजे आयोजित होगा। वाको इंडिया किक बॉक्सिंग फेडरेशन, छग किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के महासचिव एवं सेल्फ डिफेंस एक्सपर्ट तारकेश मिश्रा ने बताया कि वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं एवं महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना है। इस हेतु एकेडमी में तमाम सुविधाओं के साथ यह आयोजन किया जाता है। इसमें विद्यालय, महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राएं, वर्किंग नानवर्किंग महिलाएं भाग ले सकती हैं। वर्कशॉप में भाग लेने के लिए सीएमए से संपर्क कर सबसे पहले अपना पंजीयन मोबाइल फोन से कराना होगा, जो बिल्कुल निःशुल्क है। इसके अलावा बुधवारी बाइपास रोड स्थित सीएमए छत्तीसगढ़ मार्शल आर्ट किक बॉक्सिंग एकेडमी में आकर ऑन स्पॉट पंजीयन कराया जा सकता है।


 

बड़े काम की हैं आसपास की चीजें


किक बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ की पीआर एवं अंतरराष्ट्रीय रेफरी वाको किक बॉक्सिंग पूजा पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण पूर्णतः निशुल्क है, जिसमें महिला प्रशिक्षिकाएं भी प्रशिक्षार्थियों को असिस्ट करेंगी। 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग तक की बालिकाएं-महिलाएं उक्त वर्कशॉप में भाग ले सकती हैं। उन्हें विकट परिस्थितियों में स्वयं की रक्षा करने में सक्षम बनने के लिए किक बॉक्सिंग की छोटी-छोटी तकनीकों एवं आसपास की चीजों अथवा रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं आदि का उपयोग कर सेल्फ डिफेंस सिखाया जाएगा। इस कार्यशाला सह प्रशिक्षण में ताकत की बजाय जुगत के आर्ट पर विशेष फोकस किया जाएगा।


 

कारगर नुस्खों से कराए जाएंगे रूबरू


तारकेश का कहना है कि जिस तरह के हालात हैं, उसमें विपरीत परिस्थिति में खुद निपटने बेटियों को तैयार रहने की जरूरत है। मार्शल आर्ट हो, किक बॉक्सिंग, जूडो-कराते या इस तरह की किसी भी विधा में दक्ष बनाने की, हम सब की है। यही वजह है जो बालिका, किशोरियों व महिलाओं की आत्मरक्षा पर बल दिया जा रहा है। उन्हें स्वयं की रक्षा कर पाने सक्षम बनाने से जुड़ी बारीकियों को सिखाने उनके लिए सेल्फ डिफेंस की क्लास लगाई जा रही है, जहां आत्मरक्षा में स्वयं सक्षम बनने की तकनीकों से न केवल रूबरू कराया जाएगा, बल्कि उन्हें कुछ ऐसे नुस्खों से भी अवगत कराया जाएगा, जिससे अकेले ही वे निपट सकें।