भोपाल / राजधानी के लालघाटी क्षेत्र में बड़े तालाब से सटी हलालपुर की ओर जाने वाली सड़क का लैंडयूज बदल गया है। इसे अब रेसीडेंशियल माना जाएगा। गुरुवार को जारी हुए भोपाल के मास्टर प्लान- 2031 में इस सड़क और खानू गांव को रेंसीडेंशियल क्षेत्र दिखाया गया है। यानी अब यहां मकान निर्माण की अनुमति मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि इन मैरिज गार्डन्स को अब तक बड़े तालाब में अतिक्रमण मानते हुए नगर निगम कई नोटिस जारी करता रहा है। जो मास्टर प्लान अभी लागू है, उसमें इन गार्डन्स को लेक फ्रंट पीएसपी (सार्वजनिक-अर्ध सार्वजनिक) लैंडयूज में दिखाया गया है। इसलिए इन्हें अब तक वैध नहीं किया गया। जिला प्रशासन भी हर साल इन्हें नोटिस जारी कर बंद करने के आदेश भी जारी कर देता है, लेकिन इन पर अब तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नीलबड़-रातीबड़ कृषि क्षेत्र
दूसरी तरफ नीलबड़ और रातीबड़ को अभी भी कृषि क्षेत्र ही बताया गया है।
यानी यहां बनी अवैध कॉलोनियों के वैध होने का रास्ता नहीं खुला है।
बड़े तालाब में अब और अतिक्रमण न हो, इसलिए की जाएगी हदबंदी
जिला योजना समिति में मिले सुझाव के आधार पर तालाब की हदबंदी के लिए चारों तरफ सड़क प्रस्तावित की जा रही है। कहा जा रहा है कि तालाब के बड़े हिस्से में एप्रोच नहीं होने से अवैध कब्जे हो रहे हैं। सीहोर रोड पर तालाब के भीतर कच्चे - पक्के मकान बन गए हैं। सड़क बन जाने से इस पर रोक लगने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वीआईपी रोड बन जाने से इस क्षेत्र में तालाब पर अतिक्रमण नहीं हो रहे हैं। विवादित रिटेनिंग वॉल बन जाने के बाद वॉल के भीतर के हिस्से में भी कोई नया निर्माण नहीं हुआ है।
जीआईएस नक्शे के आधार पर
मैरिज गार्डन संचालकों ने मास्टर प्लान तैयार होते समय ही सुझाव दिया था कि मैरिज गार्डन शहर की जरूरत है और जब रेसीडेंशियल में अनुमति दी जा रही है तो पीएसपी में भी अनुमति दी जाना चाहिए। जीआईएस बेस्ड नक्शे में भी यहां मैरिज गार्डन दर्शाए गए हैं। इसी नक्शे के आधार पर खानूगांव को भी रेसीडेंशियल कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन मैरिज गार्डनों को दोबारा अनुमति लेना होगी।