ग्वालियर। खुले में सीवर बहा तो नगरीय निकायों को भारी भरकम जुर्माना भरना होगा। यह राशि हर माह 5 लाख रुपए तक हो सकती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल(एनजीटी) की सख्ती के बाद प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे 31 मार्च तक इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। विभाग के आयुक्त पी नरहरि ने आदेश में कहा है कि नगरीय निकायों को 31 मार्च तक सीवरेज के शत प्रतिशत उपचार के उपाय करना होंगे। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) स्थापित करना होंगे। जहां स्थापित हैं उन्हें चालू करना होगा। ऐसा न करने पर प्रति एसटीपी 5 लाख रुपए प्रति माह जुर्माना ठोका जाएगा। शासन के पत्र से नगर निगम ग्वालियर की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि स्वर्ण रेखा नदी में पिछले 6 माह से सीवर बह रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी यह स्थिति है।
एनजीटी की सख्ती, खुले में बहा सीवर तो लगेगा 5 लाख जुर्माना