नई दिल्ली / खुफिया एजेंसी के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार सुबह आईएसआईएस से जुड़े 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। दोनों पकड़े गए दोनों आतंकी पति-पत्नी हैं और ये आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से प्रभावित हैं। दिल्ली पुलिस ने इन दोनों को ओखला के जामिया नगर से पकड़ा है। पकड़े गए दोनों आतंकियों की पहचान जहांजेब सामी और उसकी पत्नी हीना बशीर के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से संदिग्ध लिटलेचर, बुक और वीडियो बरामद की है। दोनों पिछले अगस्त महीने से दिल्ली में रह रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों संदिग्ध आतंकी दिल्ली में आत्मघाती हमले की फिराक में थे। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओखला के जामिया नगर से पति-पत्नी को पकड़ा है। जांच में पता चला है कि दोनों के लिंक आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से रहे हैं। दोनों शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को भी भड़काने का काम कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दोनों पति-पत्नी इंडियन मुस्लिम यूनाइट नाम से एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी चला रहे थे। जिसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन से जोड़ना था। शाहीनबाग में नागरिकता कानून के विरोध में पिछले साल पंद्रह दिसम्बर से चल रहा धरना प्रदर्शन अब भी जारी है। हालांकि, अब वहां पहले के मुकाबले उतनी भीड़ नहीं जुट पा रही है। पुलिस अब भी लगातार वहां बैठे लोगों से सड़क से हट जाने की अपील कर रही है।
एक निजी कंपनी में काम करता है जहांजेब सामी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए दोनों पति-पत्नी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के रहने वाले हैं। जहांजेब सामी एक निजी कंपनी में काम करते है। वहीं सूत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान में आईएसकेपी से जुड़े लोगों से संबंध के लिए कुछ समय पहले जहांजेब सामी खुफिया अधिकारियों के रडार पर आया। इसके बाद स्पेशल सेल की एक टीम लगातार जहांजेब और उनकी पत्नी की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। जहांजेब सामी (36) और हिना बशीर बेगम (39) को रविवार रात 8 बजे गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सदस्य थे और गैर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत की अपनी विचारधारा का प्रचार कर रहे थे। पुलिस ने उनके घर से 4 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 हार्ड डिस्क सहित अन्य सामग्री जब्त की है।
क्या है खुरासान माड्यूल
आईएसआईएस का खुरासान मॉड्यूल पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान का एक हिस्सा है जो कि खुरसान संगठन के नाम से जाना जाता है। यह आतंकी संगठन मूलत पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मौजूद है। यह आतंकी तैयार कर अन्य देशों में भेजता है। बांग्लादेश की मदद से भारत में आतंकियों की भर्ती करता है। ढाका में कैफे में हुए आतंकी हमले के पीछे इसी संगठन का हाथ था। खुरसान के आतंकी अपने देश में बैठे-बैठे ही अन्य देशों में अपने स्लीपर सेल के संपर्क में रहते हैं। वहीं से उन्हें साजिश की प्लानिंग बताते हैं और ऑनलाइन बम बनाने तथा धमाके की ट्रेनिंग देते हैं।
वाट्सएप मैसेज कर भड़काते थे
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल से एक वाट्सएप पेज मिला है। पुलिस उसकी जांच कर रही है। इस वाट्सएप से यह सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को भड़काते थे। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस पता लगा रही है कि नार्थ-ईस्ट के दंगों में कहीं इन दोनों का तो हाथ नहीं है। इसके अलावा दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन लोगों को किन-किन लोगों से संपर्क थे। ये दोनों केवल भारत में ही बात करते थे या फिर पाकिस्तान व अफगानिस्तान में भी बात करते थे।