ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद में शनिवार को 2020-21 का बजट पेश किया गया। इस बजट में 10.22 करोड़ का घाटा दिखाया गया। इस बजट पर 15 से 20 मिनट तक चर्चा की गई। उसे एक मत से पास कर दिया। बजट में छात्रों के लिए कैमिकल्स, पुस्तकें, ई-जर्नल्स खरीदने की प्रावधान किए गए हैं। विवि के विकास को भी ध्यान में रखा है।
जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में ईसी मेंबरों ने भी मुद्दे रखे। उसके बाद बजट को पेश किया। जेयू ने 2020 में अनुमानित आय 1 अरब 6 करोड़ 88 लाख 65 हजार रुपए बताई गई है। इस वित्त वर्ष में 1 अरब 17 करोड़ 11 लाख 8 हजार का व्यय अनुमानित किया है। बजट में पिछले साल की तुलना में घाटा बढ़ा है। बजट में केन्द्रीय पुस्तकाल के लिए ई जर्नल्स, शोध पुस्तकाएं, पुस्तक खरीदने के लिए 2 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बैठक में कुलपति संगीता शुक्ला, कुलसचिव आईके मंसूरी, कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल, मनेन्द्र सोलंकी, बीरेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे। जब बैठक खत्म हुई तो प्रोफेसर टीवी स्क्रीन पर बजट चर्चा को सुन रहे थे। इसको लेकर कार्य परिषद सदस्यों हंगामा किया। बजट चर्चा की गोपनीयता को भंग किया गया है। भविष्य में बजट की चर्चा ओपन में की जाएगी।
बजट में यह किए गए प्रावधान
सेमिनार सहित अध्याशालाओं में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप ग्रांट, पेमेंट संबंधी व्यय के लिए राशि का प्रावधान किया गया है।
विवि के फिक्स्ड असेट की कोडिंग आवश्यक रूप से कराए जाने का प्रावधान किया गया है।
व्यय को ध्यान में रखते हुए लैब व उपकरणों के अनुबंध पर जोर दिया है।
विवि की आय बढ़ाने के लिए छात्रों के प्रवेश पर जोर दिया जाएगा, जिसके लिए कोर्सों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
विवि के विकास केलिए 19.52 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इन मदों से बताई आय
राजस्व खाते- 3.97 प्रतिशत
अध्ययन शाला के छात्रों से प्राप्त शुल्क-2.28प्रतिशत
परीक्षा शुल्क-49.93प्रतिशत
संस्था व कालेजों से प्राप्त शुल्क-0.64प्रतिशत
भवन, भूमि, छात्रावास का किराया-4.41प्रतिशत
परीक्षा आवेदन.0.76प्रतिशत
विनियोग से प्राप्त ब्याज-37प्रतिशत
युवा उत्सव के बिलों के 20 लाख रुपए रोके
बैठक के दौरान युवा युत्सव में खर्च हुए 55 लाख रुपए का बिल पेश किया। इन बिलों को पास करने का प्रस्ताव रखा गया। जिसा विरोध किया गया। जिन वेंडरों से सामान लिया गया है, उनके एग्रीमेंट दिखाए जाएं। खर्च के बिल भी दिखाए जाएं। उसके बाद भुगतान किया जाएगा। 20 लाख रुपए का बिल रोक दिया गया।
- मुरैना की जमीन की बाउंड्रीवॉल के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। निर्माण एजेंसी के रूप में पीआईयू को चुना जा रहा था। इस प्रस्ताव का भी विरोध किया गया, जब जेयू के पास खुद के इंजीनियर हैं, पीआईयू को क्यों दिया जा रहा है।
ट्रैक सूट के लिए भी 40 लाख रुपए की स्वीकृति मांगी थी, जिसे ईसी ने रोक दी।
अयोग्य शिक्षकों से मूल्यांकन का मामला भी ईसी मेंबर अनुप अग्रवाल ने उठाया। शिक्षकों योग्यता की जांच का फैसला लिया गया।