विवादों के बीच बड़ी प्रशासनिक सर्जरी इसी हफ्ते
कुछ पीएस और कलेक्टर भी बदलेंगेे
भोपाल / कानून व्यवस्था की दिक्कतों और अफसरों के बीच के विवादों को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी कर सकते हैं। इसमें सीनियर आईएएस अधिकारियों के साथ आईपीएस अफसर भी शामिल होंगे। फेरबदल में मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर भी ध्यान दे सकते हैं कि किन मंत्रियों के साथ उनके प्रमुख सचिवों की पटरी नहीं बैठ पा रही और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद किन अधिकारियों के पास प्रमुख विभागों का दोहरा प्रभार है।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के साथ जिन अधिकारियों का संतुलन नहीं बन पा रहा, उनमें खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रमुख सचिव नीलम शमी राव, मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और प्रमुख सचिव अनुपम राजन, मंत्री तरुण भनोत और अपर मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रमुख सचिव संजय दुबे शामिल हैं।
इसी तरह हरिरंजन राव के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने, गौरी सिंह के नौकरी छोड़ने और प्रमोद अग्रवाल के कोल इंडिया के सीएमडी बनने के बाद वीएल कांताराव और नीलम शमी राव भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं।
राव के जाने से उच्च शिक्षा का प्रभार खनिज विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को सौंपा गया है। प्रमोद अग्रवाल के जाने से तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग का जिम्मा आदिवासी विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी के पास है। गृह व जेल के साथ परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा की भी कुछ जिम्मेदारी कम की जा सकती हैं। अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव के अवकाश पर जाने के बाद वन विभाग का जिम्मा भी सौंपना होगा। इन सब परिस्थितियों को लेकर प्रशासनिक सर्जरी जल्द हो सकती है। सूची पर एक दौर की चर्चा हो चुकी है। इसी सप्ताह मुख्यमंत्री कमलनाथ सूची को अंतिम रूप दे सकते हैं।
तीन से चार कलेक्टर भी हो सकते हैं इधर से उधर
- मंडला कलेक्टर सीएए को लेकर सुर्खियों में हैं। इंदौर कलेक्टर सचिव पद पर प्रमोट हो चुके हैं। अशोक नगर कलेक्टर मंजू शर्मा जून में, देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे सितंबर में रिटायर होंगे।
- शहडोल, होशंगाबाद और छतरपुर के एसपी डीआईजी पद पर प्रमोट हो चुके हैं। छतरपुर और जबलपुर के डीआईजी भी आईजी बन चुके हैं। इसलिए फेरबदल में ये भी शामिल हो सकते हैं।
- राजगढ़ में कलेक्टर-एसपी मंे विवाद के बाद माना जा रहा है कि एसपी को कहीं भेजा जा सकता है।
गोपाल रेड्डी हो सकते हैं नए सीएस, 31 मार्च को रिटायर होंगे मोहंती
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव व 1985 बैच के आईएएस एम गोपाल रेड्डी मप्र के नए मुख्य सचिव हो सकते हैं। इसका आदेश 31 मार्च को निकलेगा। मौजूदा सीएस एसआर मोहंती 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। रेड्डी के मुख्य सचिव बनने के बाद मप्र विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन का फैसला होगा, क्योंकि 29 फरवरी तक इसके लिए आवेदन बुलवाए गए हैं। इसकी स्क्रूटनी प्रक्रिया मार्च तक पूरी हो सकती है।
लिहाजा माना जा रहा है कि मुख्य सचिव के तुरंत बाद ही आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति हो जाएगी। चेयरमैन मोहंती को बनाया जा सकता है। रेड्डी को मुख्य सचिव बनाने को लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक लगभग सहमति बन चुकी है। इसीलिए वे अहम बैठकों में मुख्य सचिव के साथ शिरकत करने लगे हैं। हाल ही में फाइनेंस और बजट को लेकर मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें मुख्य सचिव मोहंती के साथ रेड्डी शामिल हुए। आमतौर पर मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति से पहले विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) का आदेश निकलता है, लेकिन रेड्डी के मामले में भी एेसा नहीं होगा।
मोहंती को भी 31 दिसंबर 2018 को ही मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी किया गया था, जब तत्कालीन मुख्य सचिव बीपी सिंह रिटायर हुए थे। रेड्डी की मुख्य सचिव बनने की मजबूती इस बात से भी है कि एक दावेदार व 1984 बैच के एपी श्रीवास्तव के लंबी छुट्टी पर जा रहे हैं। वे 7 मार्च से 31 जुलाई तक अवकाश पर रहेंगे। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर व इसी बैच के अालोक श्रीवास्तव स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। पीसी मीणा पहले ही दौड़ से बाहर हो चुके हैं। वर्ष 1985 बैच के राधेश्याम जुलानिया और दीपक खांडेकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल मई 2020 में रिटायर हो रहे हैं। लिहाजा एपी श्रीवास्तव के अलावा 1985 बैच इकबाल सिंह बैंस भी प्रबल दावेदार हैं, लेकिन सहमति रेड्डी के नाम पर लगभग बन गई है। बैंस नवंबर 2022 में रिटायर होंगे, इसलिए रेड्डी को मुख्य सचिव बनाया जा रहा है। रेड्डी सितंबर 2020 में रिटायर होंगे।
छिंदवाड़ा कलेक्टर रहे चुके हैं रेड्डी
मुख्यमंत्री कमलनाथ से रेड्डी की नजदीकी पुरानी है। वे 6 जुलाई 1992 से 19 सितंबर 1994 तक छिंदवाड़ा कलेक्टर रहे हैं। मप्र में अलग-अलग पदों में रहने के बाद वे अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2015 तक केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और दिसंबर 2015 से मार्च 2017 तक अतिरिक्त सचिव रहे। इसके बाद मप्र लौटे लेकिन दो माह तक अवकाश पर गए और मई 2017 में उनकी वापसी हुई। इसके बाद शिवराज सरकार ने उन्हें राजस्व मंडल ग्वालियर भेजा था। मप्र में कांग्रेस सरकार बनने के बाद वे मुख्य धारा में लौटे।