पहले फेसबुक पर नाबालिग छात्रा से दोस्ती
फिर अपहरण कर किया दुष्कर्म
बलरामपुर जिले के करौंधा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी अंबिकापुर में दादी के यहां रहकर कक्षा नवमी की पढ़ाई कर रही थी। किशोरी का फेसबुक के माध्यम से झांसी के हंसमुख उर्फ हरसू सोलंकी से संपर्क हुआ और दोनों में दोस्ती हो गई। इसके बाद उक्त युवक अंबिकापुर आना-जाना करता था।
बीते तीन फरवरी को हंसमुख उर्फ हरसू अंबिकापुर आया और स्कूल जाने के लिए दादी के घर से निकली किशोरी से संपर्क करने के बाद उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ झांसी लेकर रवाना हो गया। स्कूल से घर वापस नहीं लौटने से घबराई दादी ने जब पोती की खोजखबर लेनी शुरू की तो कुछ भी पता नहीं चला।
इसकी जानकारी वह किशोरी की मां सहित अन्य संबंधियों को दी। चार फरवरी को कोतवाली थाने में स्कूल जाने के लिए निकली पोती के गायब होने की जानकारी देकर अपहरण की आशंका व्यक्त कर मामला दर्ज कराया गया था।
इधर हरसू सोलंकी के साथ झांसी रवाना हुई छात्रा ने अपनी मां से हंसमुख के मोबाइल से संपर्क किया और उसने फेसबुक के माध्यम से दोस्त बने व्यक्ति के द्वारा झांसी लेकर आने की जानकारी दी। अंबिकापुर से नौ सौ किलोमीटर दूर किशोरी का लोकेशन ट्रेस होने पर पुलिस टीम पांच फरवरी को झांसी पहुंची और इन्हें झांसी तिराहा पर अपने कब्जे में ले लिया।
किशोरी की बरामदगी व आरोपित की गिरफ्तारी के लिए अंबिकापुर से निकली कोतवाली पुलिस की टीम में शामिल एसआइ अमित गुप्ता ने बताया कि हंसमुख उर्फ हरसू, किशोरी को लेकर झांसी स्थित अपने घर गया लेकिन घर के सदस्यों ने इन्हें पनाह नहीं दी, ऐसे में भटकने की स्थिति बन गई थी।
एसआइ के साथ टीम में शामिल आरक्षक संजीव चौबे, नितिन खाखा, अरविंद उपाध्याय दोनों को सकुशल अंबिकापुर लेकर पहुंचे। मामले में पुलिस ने पूर्व में धारा 363 का अपराध दर्ज किया था। आरोपित की गिरफ्तारी, किशोरी के बयान व डॉक्टरी परीक्षण के बाद पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध पृथक से धारा 376 व पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया है।
भागकर आई किशोरी ऐसे हुई बरामद
बीते दिनों कोतवाली पुलिस की सक्रियता से एक ऐसी किशोरी बरामद हुई थी जो अपने परिचित एक युवक के साथ कहीं भागने की तैयारी में थी। इनकी मंशा सफल होती इसके पहले युवक पुलिस व परिजनों के हाथ लग गया। इधर छुरी से भागकर किशोरी बस से अंबिकापुर पहुंच गई थी।
इसकी जानकारी अंबिकापुर के कोतवाली टीआइ को मिली और उन्होंने प्रतीक्षा बस स्टैंड की पुलिस को एलर्ट करके किशोरी का फोटो भेजा। पुलिस की नजर जगह-जगह रूकने वाली बस के पड़ाव पर था, लेकिन किशोरी बस स्टैंड पहुंची।
बताए गए हुलिए और फोटो से चेहरे का मिलान होने पर पुलिस ने किशोरी को अकेले देखकर पूछताछ की तो पहले तो वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, बाद में उसने भागकर अंबिकापुर आने की जानकारी दी। किशोरी को अभिरक्षा में लेने के बाद पुलिस ने परिजनों को इसकी सूचना देकर सकुशल सुपुर्द किया।