क्या है पूरा मामला...............
प्राप्त जानकारी के अनुसार,लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा राजेंद्र वर्मा ने बताया है कि पिछले दिनों ठेकेदार संतोष दुबे (34) पिता रामनिवास द्विवेदी निवासी रतहरा ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक आरके झारिया विधायक निधि से स्वीकृत कार्य में प्रशासनिक अनुमति दिलवाने के एवज में 3 प्रतिशत राशि की मांग कर रहे हैं।
साथ ही उसने बताया था कि विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्र में पानी का टैंकर व 10 गांवों में यात्री प्रतीक्षालय बनवाने के लिए विधायक निधि से 71,22,500 रुपए की धनराशि जारी की गई थी। इस काम में प्रशासनिक अनुमति दिलाने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है। आखिरकार डेढ़ लाख में सौदा तय हो गया। ठेकेदार की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त एसपी राजेन्द्र वर्मा ने प्रवेंद्र कुमार व निरीक्षक अनूप सिंह ठाकुर के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
योजना के मुताबिक कार्रवाई सोमवार सुबह करीब 11 बजे होना था लेकिन लोकायुक्त टीम ने समय में फेरबदल करते हुए कार्रवाई दोपहर बाद तकरीबन 4:30 बजे की। ठेकेदार रिश्वत की रकम लेकर जैसे ही संयुक्त संचालक आरके झारिया को देने उनके कार्यालय में पहुंचा तभी लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए संयुक्त संचालक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
इनका कहना.................
संयुक्त संचालक आरके झारिया को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
--राजेंद्र वर्मा, लोकायुक्त एसपी रीवा।