खरीदी केंद्रों में भीग रहा धान
खाद्य विभाग के अधिकारी कर रहे दावा- नहीं होगा कोई नुकसान
बिलासपुर / प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बारिश का असर देखने को मिल रहा है। बिलासपुर के गतौरा स्थित धान खरीदी केंद्र से एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें बारिश में धान के बोरे भीगते नजर आ रहे हैं। धान को भीगने से बचाने का यहां कोई इंतेजाम नहीं दिख रहा । इस बारे में दैनिक भास्कर ने बिलासपुर के खाद्य नियंत्रक हिजकिएल मसीह से बात की। उनसे पूछा गया कि अब तक बारिश में कितना धान खराब हुआ, जवाब में उन्होंने कि जिले में कहीं धान खराब नहीं हुआ है। मसीह ने कहा कि गतौरा में धान भीगने की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, वैसे धान खराब नहीं होगा।
रायगढ़
बिलासपुर ही नहीं धान के बारिश में भीगने के हालात कई जगहों पर हैं। रायगढ़ में बारिश की वजह से 123केंद्रों में खरीदी प्रभावित है। शनिवार को अधिकांश केंद्रों में गाड़ियां नहीं पहुंच सकी तो कुछ जगहों पर बारिश में धान भीगने की वजह से खरीदी रोकी गई। जिन किसानों को टोकन बांटे गए। उनसे अगले खरीदी दिवस पर धान खरीदी जाएगी। 15 फरवरी तक धान खरीदी की जाएगी। इस अवधि में लगभग 8 हजार किसानों से धान खरीदा जाएगा। पिछले साल 90 फीसदी धान की खरीदी हुई थी।
दुर्ग
यहां बारिश के साथ-साथ सॉफ्टवेयर की दिक्कतों से भी किसान परेशान है। यहां तीन दिनों से बारिश की वजह धान खरीदी बंद है और अब सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ के पूरे जिले में धान परिवहन के लिए डीओ कटना बंद हो गया है। इसकी वजह से दुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अंतर्गत 262 खरीदी केंद्रों में 4 लाख 47 हजार मिट्रिक टन धान का उठाव रुक गया है।
बालोद
जिले के 102 सोसायटी में धान खरीदी बंद हो चुकी है, सिर्फ आठ जगहों पर कम मात्रा में खरीदी हो रही है। शनिवार को धान बेचने की आस में सोसायटी भी पहुंचे किसानों को बारिश ने निराश किया। फड़ में पानी भरा होने की वजह से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। अब मौसम साफ रहने पर सोमवार को ही खरीदी हो पाएगी। अब तक 44 लाख 96 हजार 58 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसमें 27 लाख 40 हजार 698 क्विंटल धान का परिवहन हुआ है। कुल 1 लाख 24 हजार 660 पंजीकृत किसानों में से 1 लाख 10 हजार 475 किसानों ने धान बेचा है। 14 हजार 185 किसान अब तक धान नहीं बेच पाए हैं।
राजनांदगांव
खरीदी केंद्रों में धान लेकर आए किसानों का धान यहां पहुंचने के बाद हुई बारिश में भीग गया। किसानों ने बताया कि यहां धान के भीगने से बोरे में अंकुरण निकल रहा है। रामपुर के धान खरीदी केन्द्र में कोटरासरार निवासी किसान लालूराम ने बताया कि पांच दिन से धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं पर मौसम खराब होने की वजह से नुकसान झेल रहे हैं। किरगी निवासी धनसाय साहू भी पहली बार 200 कट्टा धान लेकर पहुंचे मगर इनका भी धान नहीं बिक पाया। आधा धान तो बारिश की भेंट चढ़ गया है। सिंघोला, भर्रेगांव, सोमनी खरीदी केन्द्र में भी कई किसान धान लेकर पहुंचे थे पर यहां शेड नहीं होने से धान को खुले में रखना पड़ा।
महासमुंद
महासमुंद के बेलसोंडा और बिरकोनी स्थित धान खरीदी केंद्रों में धान भीग चुका है। बारिश के कारण यहां पिछले दो दिनों से धान खरीदी नहीं हो रही है। गीली जमीन को सुखाने के लिए इन केंद्रों में साड़ियां बिछा दी गई। कई केंद्रों में नालियां बनाकर पानी निकालने का प्रयास किया गया, फिर भी किसानों का धान खरीदा नहीं जा सका। शुक्रवार को 1.97 लाख क्विंटल धान खरीदी के लिए टोकन काटा गया था, लेकिन इसमें से केवल 400 क्विंटल धान की खरीदी हो पाई। शनिवार-रविवार को यहां खरीदी बंद रहेगी। जिले में लक्ष्य के मुताबिक 15 फरवरी तक 13 हजार किसानों से 15 लाख क्विंटल खरीदी की जानी है।