भीमा मंडावी हत्याकांड : न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया गया
रायपुर / छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा से भाजपा के पूर्व विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड में गठित न्यायिक जांच अायोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है कि राज्य सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाया हो। इससे पहले भी तीन माह के लिए इसे बढ़ाया गया था। अब आयोग को जांच के लिए 9 अगस्त 2020 तक का समय दिया गया है। गठन के समय आयोग को जांच के लिए तीन माह का समय दिया गया था। विधायक भीमा मंडावी की अप्रैल 2019 में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
अायोग ने प्रारंभिक रिपोर्ट में साजिश से इनकार करते हुए पुलिस को दी थी क्लीनि चिट
राज्य सरकार ने भीमा मंडावी हत्याकांड के बाद जस्टिस सतीश के. अग्निहोत्री की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया था। दूसरे कार्यकाल के दौरान आयोग ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भीमा मंडावी की मौत की साजिश से इनकार किया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ये घटना ना तो किसी साजिश का हिस्सा थी और ना ही विधायक की सुरक्षा में कोई लापरवाही की गई थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में आधा दर्जन बातों को उल्लेख था जो कि पुलिस को क्लीन चिट दे रही थीं।
इस रिपोर्ट के सार्वजनिक हो जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ था। विधायक भीमा मंडावी की मौत के बाद 23 सितंबर2019 को होने वाले उपचुनाव से पहले रिपोर्ट आने पर भाजपा ने ऐतराज जताया था। पार्टी नेताओं ने कहा था कि चुनाव से पहले रिपोर्ट सार्वजनिक होना कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि कांग्रेस शासनकाल में हुए हत्याकांड के सरकार दाग धोने में लगी है। भाजपा ने न्यायिक जांच आयोग भंग करने और कार्रवाई करने की मांग करते हुए भारत निर्वाचन आयोग और राष्ट्रपति से शिकायत भी की थी।
विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच को लेकर राज्य और केंद्र के बीच टकराव भी सामने आ चुका है। राज्य सरकार ने जांच के लिए स्थानीय स्तर पर एसआईटी का गठन किया था। जबकि केंद्र सरकार ने 17 मई 2019 को इसकी एनआईए जांच कराने की घोषणा कर दी। इसके बाद राज्य सरकार एनअाईए जांच के खिलाफ कोर्ट पहुंच गई और पुलिस को जांच का अधिकार देने की बात कही। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी को खारिज कर दिया।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लौटते समय हुई थी की हत्या
दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या 9 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव प्रचार से जिला मुख्याल लौटने के दौरान हुई थी। नकुलनार के श्यामगिरी गांव के पास आईईडी लगाकर नक्सलियों ने उनके काफिले को विस्फोट से उड़ा दिया था। इसमें विधायक भीमा मंडावी उनके ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड सहित कुल चार लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजी गिरधारी नायक ने दावा किया था भीमा मंडावी को अलर्ट किया गया था। उन्हें नक्सल मूवमेंट की जानकारी देते हुए दूसरे रास्ते का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी गई थी।