शहर में सात नए वार्ड बनाने की सरकार ने नहीं दी मंजूरी

, अब 16 दिन में करना होगा आरक्षण





 

श्योपुर /  नगर पालिका क्षेत्र में सात गांव शामिल कर सात नए वार्ड बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने बनाया था। इस प्रस्ताव पर दावे-आपत्ति भी लिए गए, लेकिन इस प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार ने कोई निर्णय न लेकर वार्डों में आरक्षण प्रक्रिया के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे तय है कि अब शहर में यह सात गांव शामिल नहीं होंगे और वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। जिले के सभी नगरीय निकायों में आरक्षण प्रक्रिया 30 जनवरी तक यानी अगले 16 दिनों में पूरी की जानी है।

श्योपुर नगर पालिका ने फरवरी 2018 में शहर परिसीमन का प्रस्ताव बनाया। इस पर प्रशासन ने दावे-आपत्ति लिए और अप्रैल में प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया। इस प्रस्ताव के अनुसार, शहर के आसपास बसे 7 गांवों को नगरीय सीमा में शामिल किया जाना था। इन गांवों में बगवाज, जैदा, मठेपुरा, ग्वाड़ी, नागदा, जाटखेड़ा व एक अन्य गांव शामिल थे। नपा ने कई बार शहरी विकास प्राधिकरण के माध्यम से पत्र भेजे, लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला। अब नगरीय निकाय चुनाव के तहत श्योपुर, विजयपुर और बड़ौदा नगर के वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया कर 30 जनवरी तक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में शहर परिसीमन का यह प्रस्ताव फिर अटक गया है।

नगरीय निकाय चुनाव
22 तक विजयपुर और बड़ौदा नगर परिषद, 28 तक श्योपुर नपा के वार्डों का होगा आरक्षण

श्योपुर शहर, जहां वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी।

2014 से तीन बार भेजा परिसीमन का प्रस्ताव, लेकिन मंजूर नहीं

शहर के परिसीमन का यह प्रस्ताव तीसरी बार भेजा गया। पहली बार 2014 में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके अनुसार आसपास के चार गांवों काे शहर में शामिल किया जाना था। जब इसे मंजूरी नहीं मिली तो गांव बढ़ाकर दोबारा से इस प्रस्ताव को भेजा गया, पर इस प्रस्ताव को भी सरकार ने मंजूर नहीं किया। 2018 में फिर प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन सरकार की ओर से इस प्रस्ताव पर भी अमल नहीं किया गया है। नतीजा शहर की सीमावृद्धि नहीं हो सकी।

22 तक विजयपुर-बड़ौदा, 28 तक श्योपुर में आरक्षण

अब प्रशासन जिले के तीनों नगरीय निकायों को आरक्षण प्रक्रिया अपनाने के लिए नोटिस जारी करेगा। विजयपुर और बड़ौदा नगर परिषदों के 15-15 वार्डों के आरक्षण 22 जनवरी तक पूरा होगा। श्योपुर नपा के वार्डों के आरक्षण 28 जनवरी तक सभी 23 वार्डों में कर दिया जाएगा। तीनों नगरीय निकायों के आरक्षण प्रक्रिया होने के बाद इसकी जानकारी शासन को 30 जनवरी तक भेज दी जाएगी।

शहर का परिसीमन होता तो यह होते फायदे

शहर परिसीमन का प्रस्ताव शासन स्तर से मंजूर हो जाता तो शहर की आबादी 1 लाख से ऊपर पहुंच जाती। जिससे शहरी क्षेत्र के लिए 2 करोड़ रुपए का सालाना बजट मंजूर होता जो कि वर्तमान में 1 करोड़ रुपए है। इसके अलावा अन्य मदों में भी राशि बढ़ जाती। इसके साथ ही शहर की वार्ड संख्या 23 से बढ़कर 30 तक पहुंच जाती।

परिसीमन को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं मिले


हमने आरक्षण के स्पष्ट निर्देश दिए