; सतना में भी दो बच्चों की जान गई
भोपाल / जिला चिकित्सालय शहडोल में 12 घंटे के अंदर 6 नवजात बच्चों की मौत हो गई। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से 2 बच्चे वॉर्ड और 4 एसएनसीयू में भर्ती थे। एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से कम थी, वहीं बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों की उम्र दो-तीन महीने की बताई जा रही है। सभी बच्चों को निमोनिया हुआ था। अस्पताल में एक साथ 6 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है। वहीं सतना में दो नवजातों की सोमवार को मौत हो गई थी।
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने शहडोल और सतना जिले में बच्चों की मौत की घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं। सिलावट ने बच्चों की मौत की सूचना मिलते ही पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने संबंधित जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को इन मामलों की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पंचायत मंत्री ने किया अस्पताल का निरीक्षण
वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल छह बच्चों की मौत के बाद मंगलवार को सुबह शहडोल जिला चिकित्सालय पहुंचे। वह बच्चों के परिजनों से मिले और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घटना के जांच के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं।
एसएनसीयू में भर्ती इन बच्चों की मौत
शहडोल जिला अस्पताल में जिन बच्चों की मौत की खबर सामने आई है, उनमें जैतपुर विकासखंड के ग्राम खरेला में रहने वाली चौथ कुमारी पिता बालक कुमार की मौत 13 जनवरी को सुबह 10:50 बजे हुई।एसएनसीयू में दूसरी बच्ची जयसिंह नगर विकास खंड ग्राम भटगांव निवासी फूलमती पिता लाल सिंह निवासी की सुबह 7:50 बजे मौत हुई। तीसरी बच्ची श्याम नारायण कोल ग्राम अमिलिया की थी, जिसने दोपहर बाद 3:30 बजे दम तोड़ा। वहीं एसएनसीयू में भर्ती सूरज बैगा पिता संतलाल बैगा, निवासी ग्राम पनिया है।
बच्चों की मौत की वजह निमोनिया बताई जा रही
इसी तरह बच्चा वार्ड में भर्ती दो अन्य बच्चों की भी मौत की जानकारी सामने आई है। इनमें से एक बच्ची का नाम अंजलि बैगा है। बच्चे की मौत का कारण निमोनिया बताया जा रहा है। जिस छठवें बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ा, उसे शोभापुर से यहां लाकर भर्ती कराया गया था। सीएमएचओ और सिविल सर्जन इस मसले पर बात करने से इनकार कर दिया है।
सतना में हो गई थी दो बच्चों की मौत
सतना जिले के वीरसिंहपुर क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्र में टीकाकरण के बाद एक माह से कम उम्र के दो नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। साथ ही पांच अन्य बच्चों के गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। सोमवार को हुई घटना के बाद जिला कलेक्टर और पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, जिससे आक्रोशित परिजनों को शांत कराया गया था।