जशपुरनगर / जशपुर में डोडकाचौरा निवासी ढाबा संचालक दशरथ प्रसाद का तहसीलदार को खाना देने से इनकार करना भारी पड़ गया। तहसीलदार की धमकी से डरकर ढाबा संचालक ने परिवार समेत इच्छामृत्यु की मांग की है। इसके लिए उसने आवेदन प्रशासन को सौंपा है। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने एसडीएम काे जांच के निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि ढाबा संचालक दशरथ प्रसाद 2 साल पहले 70 वर्ष के उम्र में 5वीं की परीक्षा देकर साक्षरता कार्यक्रम में राष्ट्रीय पहचान गए थे।
भोजन नहीं देने पर ढाबा बंद कराने और फांसी पर लटकाने की धमकी देने का आरोप
दशरथ प्रसाद ने शिकायत में बताया कि वह डोडकाचौरा का मूल निवासी है। परिवार में आठ सदस्य हैं। पूरा परिवार आजीविका के लिए भोजनालय और अचार कुटीर उद्योग पर आश्रित है। 13 जनवरी को तहसीलदार अपने दो कर्मचारियों के साथ उसके ढाबे में आए थे। रात 9 बजे भोजन और चाय की मांग की। यह ढाबा बंद करने का वक्त था, इसलिए संचालक उन्हें भोजन नहीं दे पाया। इससे नाराज तहसीलदार ने ढाबे में ताला लगवाने और फांसी पर लटका देने की धमकी दी।
आरोप है कि इस दौरान तहसीलदार के कर्मचारी उसे बुलाकर बाहर ले गए। वहां तहसीलदार ने कहा कि मैं यहां का तहसीलदार हूं और इस तहसील का मालिक हूं। जशपुर तहसील की सारी जमीन हमारी है, जिस दिन मैं चाहूं इस भाेजनालय में ताला लगवा दूंगा। सभी प्रकार के अधिकार हमारे पास हैं, चाहे तो मैं फांसी भी दे सकता हूं। दशरथ प्रसाद ने अपनी शिकायत में कहा कि जब तहसीलदार ने धमकी दी तो वे अलग से उनके लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा था। पर तहसीलदार व उसके कर्मचारी नाराज होकर चले गए।
किसी भी अधिकारी को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। होटल मालिक से ऐसी शिकायत मिली है। इस मामले में जांच दल बैठा दिया गया है] जिसका प्रभारी अधिकारी एसडीएम जशपुर को बनाया गया है। यदि जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित के विरूद्ध सिविल आचरण संहिता के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, कलेक्टर, जशपुर।