, फिर गला रेता और सिलबट्टे से कूंच दिया सिर, फॉरेंसिक टीम कर रही यही इशारा
प्रयागराज / उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में शनिवार रात एक परिवार के दो बच्चों समेत पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। घटना सोरांव थाना इलाके के युसुफपुर गांव की है। करीब 12 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस को इस हत्याकांड का कोई मोटिव अभी तक सूझ नहीं रहा है। हालांकि, पुलिस लूट, अवैध संबंध और संपत्ति के विवाद को एंगल बनाकर जांच कर रही है। वहीं, गांव व घर के लोगों ने पुलिस को लाश उठाने से मना कर दिया है। कई थानों की फोर्स भी तैनात है। ग्रामीण इस जिद पर अड़े हैं कि जब तक इस परिवार के इकलौते सदस्य और विजय शंकर तिवारी का छोटा बेटा मोनू तिवारी गांव नहीं आ जाता, तब तक लाशों को उठने नहीं देंगे।
शक के आधार पर पांच लोगों को पुलिस ने हिरासत में जरूर लिया है। लेकिन उनसे कोई ठोस सुरागकशी नहीं हो पाई है। जिस तरह से हत्या में चाकू, सिलबट्टा, बेलन, मूसल आदि का जघन्यता से प्रयोग हुआ है, वह या तो विक्षिप्त मानसिक रोगी द्वारा कत्ल किए जाने की ओर इशारा करता है, या फिर कोई ऐसी दुश्मनी, जिसमें कातिलों का गिरोह क्रूरता के इस हद तक पहुंच गया, कि मासूम बच्चों तक का गला काटने और सिर कूंचने में उनके हाथ नहीं कांपे।
फॉरेंसिक टीम कातिलों की संख्या दो से अधिक बता रही है और यह भी आशंका है कि मारने वाले हो सकता है कि उनकी जान पहचान के ही हों, क्योकि कत्ल से पहले पांचों लोगों को बेहोश किया गया होगा। वजह यह है कि पांच-पांच हत्या हो गई और अगल-बगल रहने वाले किसी भी व्यक्ति को आहट तक नहीं हुई। घटना से नाराज ग्रामीणों भीड़ मौके पर जमा है। परिवार में मातम छाया हुआ है और पुलिस एंबुलेंस के साथ वहां लाश ले जाने के लिए खड़ी है।
सूरत से विजय शंकर को भी खींच लाया काल
विजय शंकर तिवारी (60) के पत्नी की काफी समय पहले बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। घर में विजय शंकर तिवारी के अलावा उनके दो बेटे सोमेश्वर तिवारी उर्फ सोनू और मनकामेश्वर तिवारी उर्प मोनू रहते थे। सोनू तिवारी की शादी सोनी तिवारी से हुई थी। जबकि मोनू अभी अविवाहित है। विजय शंकर तिवारी छोटे बेटे मोनू तिवारी सूरत में रहकर प्राईवेट काम करते थे। सोनू तिवारी (32) गांव में रहकर ऑटो रिक्शा चलाता था और उसी से पत्नी सोनी तिवारी (28) व दो बच्चों बेटा कान्हा (7) व बेटी कुंज (3) का भरण पोषण करता था।
तो पूरा परिवार का हो जाता खात्मा
विजय शंकर तिवारी छह भाइयों में तीसरे नंबर के थे। सभी भाई गांव से बाहर एक साथ अगल-बगल घर बनाकर रहते थे। इस समय विजय शंकर तिवारी भी सूरत से घर आए हुए थे। पांच लोगों की हत्या के बाद इस परिवार में इकलौता मोनू तिवारी बचा है, जो कि सूरत में है। लोगों का कहना है कि मोनू तिवारी भी पिता के साथ ही सूरत से आने वाला था। अगर वो भी आ जाता तो शायद कातिल उसे भी न छोड़ते और विजय शंकर तिवारी का पूरा परिवार ही खत्म हो जाता।
खरीदकर लाया था चप्पल भतीजा, भीतर गया तो सन्न रह गया
विजय शंकर तिवारी का परिवार शनिवार शाम को खाना खाकर आराम से सोया था। सुबह उनका भतीजा शुभम तिवारी पुत्र कृपाशंकर तिवारी उनके घर गया था। पहले वह आठ बजे के करीब गया तो मुख्य दरवाजा बंद था। शुभम ने आवाज लगाई लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला तो वह वहां से वापस चला गया। कुछ देर बाद जब वह फिर गया तो दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। वह आवाज लगाते हुए अंदर गया तो पहले वाले कमरे में विजय शंकर तिवारी ही खून से लथपथ दिखे। जिन्हें देखकर वह चीखते हुए बाहर भागा। आस-पास के लोग पहुंचे और अंदर गए तो पता चला कि अंदर वाले कमरे में बिस्तर पर सोनू, सोनी और उनके दोनों बच्चों की भी लाशें पड़ी हैं। शुभम ने बताया कि वह शांतिपुरम में कोचिंग पढ़ाता है। सोनी भाभी ने उससे चप्पल मंगाया था। शनिवार को जब वह लौटा तो देर हो गई थी, इसलिए रविवार को सुबह वह उनके घर चप्पल देने गया था। तब उसे पता चला। हत्या किसने और क्योंकि फिलहाल इस बारे में सभी लोग अनभिज्ञता जता रहे हैं।
वर्जन-
“हत्या का मोटिव अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस हर एंगल पर निगाह रखे हुए है। पूछताछ की जा रही है। कातिलों ने किसी बाहरी वैपंस का प्रयोग नहीं किया है। कत्ल के सारे सामान घर के अंदर से ही लिए गए हैं, क्रूरता हुई है। फोरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। जल्द ही हम इसका पटाक्षेप कर लेंगे।”
- कवींद्र प्रताप सिंह, आईजी/डीआईजी प्रयागराज रेंज, प्रयागराज।