सागर पुलिस लाइन में साेमवार काे पुस्तकालय का लाेकार्पण डीअाईजी दीपक वर्मा अाैर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने किया।
सागर / इस पुस्तकालय की विशेषता यह है कि यहां प्रतियाेगी परीक्षाअाें के अलावा बच्चे, युवा व बुजुर्ग अाैर महिलाअाें के लिए कई राेचक अाैर कीमती पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय के लिए ज्यादातर बुक्स पुलिस अफसराें ने दान की हैं। किसी ने अपनी पुरानी पुस्तकें दी ताे किसी ने नई पुस्तकें खरीदने के लिए नकद राशि जमा की। डीएसपी, निरीक्षक, एसअाई से लेकर हवलदार, अारक्षक अाैर एसपी व अारअाई अाफिस के स्टाफ ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें जुटाईं हैं।
कार्यक्रम के सूत्रधार बीना एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि काेई भी व्यक्ति महज 100 रुपए जमा कर पुस्तकालय में पंजीयन कराकर सदस्य बन सकता है। लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ने के साथ ही सदस्य एक सप्ताह के लिए वह पुस्तक घर भी ले जा सकेगा।
पुरानी अारअाई अाॅफिस की एेतिहासिक बिल्डिंग काे रेनाेवेट कर यहां पुस्तकालय शुरू कराना पुलिस अधीक्षक सांघी की अभिनव पहल है। इसे मूर्तिरूप देने में यहां से ग्वालियर ट्रांसफर हुए अारअाई रणजीत सिंह सिकरवार की अहम भूमिका रही। पुस्तकालय के लाेकार्पण के साथ ही अारअाई सिकरवार काे विदाई दी गई अाैर नए अारअाई सुनील दीक्षित का स्वागत किया गया है।
डीअाईजी वर्मा ने पुलिस लाइन में शुरू हुए पुस्तकालय में सभी पुलिस कर्मियाें से पुस्तकें दान करने की अपील की। उन्हाेंने भविष्य में युवाअाें के लिए कुछ ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की भी सलाह दी। उन्हाेंने अारअाई सिकरवार के कार्यकाल की प्रशंसा की। उन्हाेंने नए अारअाई दीक्षित से पुलिस लाइन में कुछ अलग काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की बात कही। एसपी सांघी ने कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी दाेस्त हाेती हैं। वर्तमान परिवेश में लाेग किताबें पढ़ना भूलते जा रहे हैं। युवाअाें में भी बुक्स पढ़ने की अादत कम हाे रही है, जबकि पुस्तकाें में छिपा ज्ञान जीवन भर काम अाता है। काेशिश है कि लाेग पुस्कालय में कुछ समय किताबाें के बीच बिताएं।
उन्हाेंने कार्यक्रम में माैजूद लाेगाें से पुस्तकें दान करने की अपील की अाैर अारअाई सिकरवार काे एक अनुशासित अधिकारी बताया। इस अवसर पर एडिशनल एसपी राजेश व्यास, एडिशनल एसपी बीना विक्रम सिंह, सीएसपी अारडी भारद्वाज समेत निरीक्षक अाैर डीएसपी माैजूद थे।
सागर पुलिस लाइन में साेमवार काे पुस्तकालय का लाेकार्पण डीअाईजी दीपक वर्मा अाैर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने किया।
इस पुस्तकालय की विशेषता यह है कि यहां प्रतियाेगी परीक्षाअाें के अलावा बच्चे, युवा व बुजुर्ग अाैर महिलाअाें के लिए कई राेचक अाैर कीमती पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय के लिए ज्यादातर बुक्स पुलिस अफसराें ने दान की हैं। किसी ने अपनी पुरानी पुस्तकें दी ताे किसी ने नई पुस्तकें खरीदने के लिए नकद राशि जमा की। डीएसपी, निरीक्षक, एसअाई से लेकर हवलदार, अारक्षक अाैर एसपी व अारअाई अाफिस के स्टाफ ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें जुटाईं हैं।
कार्यक्रम के सूत्रधार बीना एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि काेई भी व्यक्ति महज 100 रुपए जमा कर पुस्तकालय में पंजीयन कराकर सदस्य बन सकता है। लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ने के साथ ही सदस्य एक सप्ताह के लिए वह पुस्तक घर भी ले जा सकेगा।
पुरानी अारअाई अाॅफिस की एेतिहासिक बिल्डिंग काे रेनाेवेट कर यहां पुस्तकालय शुरू कराना पुलिस अधीक्षक सांघी की अभिनव पहल है। इसे मूर्तिरूप देने में यहां से ग्वालियर ट्रांसफर हुए अारअाई रणजीत सिंह सिकरवार की अहम भूमिका रही। पुस्तकालय के लाेकार्पण के साथ ही अारअाई सिकरवार काे विदाई दी गई अाैर नए अारअाई सुनील दीक्षित का स्वागत किया गया है।
डीअाईजी वर्मा ने पुलिस लाइन में शुरू हुए पुस्तकालय में सभी पुलिस कर्मियाें से पुस्तकें दान करने की अपील की। उन्हाेंने भविष्य में युवाअाें के लिए कुछ ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की भी सलाह दी। उन्हाेंने अारअाई सिकरवार के कार्यकाल की प्रशंसा की। उन्हाेंने नए अारअाई दीक्षित से पुलिस लाइन में कुछ अलग काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की बात कही। एसपी सांघी ने कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी दाेस्त हाेती हैं। वर्तमान परिवेश में लाेग किताबें पढ़ना भूलते जा रहे हैं। युवाअाें में भी बुक्स पढ़ने की अादत कम हाे रही है, जबकि पुस्तकाें में छिपा ज्ञान जीवन भर काम अाता है। काेशिश है कि लाेग पुस्कालय में कुछ समय किताबाें के बीच बिताएं।
उन्हाेंने कार्यक्रम में माैजूद लाेगाें से पुस्तकें दान करने की अपील की अाैर अारअाई सिकरवार काे एक अनुशासित अधिकारी बताया। इस अवसर पर एडिशनल एसपी राजेश व्यास, एडिशनल एसपी बीना विक्रम सिंह, सीएसपी अारडी भारद्वाज समेत निरीक्षक अाैर डीएसपी माैजूद थे।
सागर / इस पुस्तकालय की विशेषता यह है कि यहां प्रतियाेगी परीक्षाअाें के अलावा बच्चे, युवा व बुजुर्ग अाैर महिलाअाें के लिए कई राेचक अाैर कीमती पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय के लिए ज्यादातर बुक्स पुलिस अफसराें ने दान की हैं। किसी ने अपनी पुरानी पुस्तकें दी ताे किसी ने नई पुस्तकें खरीदने के लिए नकद राशि जमा की। डीएसपी, निरीक्षक, एसअाई से लेकर हवलदार, अारक्षक अाैर एसपी व अारअाई अाफिस के स्टाफ ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें जुटाईं हैं।
कार्यक्रम के सूत्रधार बीना एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि काेई भी व्यक्ति महज 100 रुपए जमा कर पुस्तकालय में पंजीयन कराकर सदस्य बन सकता है। लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ने के साथ ही सदस्य एक सप्ताह के लिए वह पुस्तक घर भी ले जा सकेगा।
पुरानी अारअाई अाॅफिस की एेतिहासिक बिल्डिंग काे रेनाेवेट कर यहां पुस्तकालय शुरू कराना पुलिस अधीक्षक सांघी की अभिनव पहल है। इसे मूर्तिरूप देने में यहां से ग्वालियर ट्रांसफर हुए अारअाई रणजीत सिंह सिकरवार की अहम भूमिका रही। पुस्तकालय के लाेकार्पण के साथ ही अारअाई सिकरवार काे विदाई दी गई अाैर नए अारअाई सुनील दीक्षित का स्वागत किया गया है।
डीअाईजी वर्मा ने पुलिस लाइन में शुरू हुए पुस्तकालय में सभी पुलिस कर्मियाें से पुस्तकें दान करने की अपील की। उन्हाेंने भविष्य में युवाअाें के लिए कुछ ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की भी सलाह दी। उन्हाेंने अारअाई सिकरवार के कार्यकाल की प्रशंसा की। उन्हाेंने नए अारअाई दीक्षित से पुलिस लाइन में कुछ अलग काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की बात कही। एसपी सांघी ने कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी दाेस्त हाेती हैं। वर्तमान परिवेश में लाेग किताबें पढ़ना भूलते जा रहे हैं। युवाअाें में भी बुक्स पढ़ने की अादत कम हाे रही है, जबकि पुस्तकाें में छिपा ज्ञान जीवन भर काम अाता है। काेशिश है कि लाेग पुस्कालय में कुछ समय किताबाें के बीच बिताएं।
उन्हाेंने कार्यक्रम में माैजूद लाेगाें से पुस्तकें दान करने की अपील की अाैर अारअाई सिकरवार काे एक अनुशासित अधिकारी बताया। इस अवसर पर एडिशनल एसपी राजेश व्यास, एडिशनल एसपी बीना विक्रम सिंह, सीएसपी अारडी भारद्वाज समेत निरीक्षक अाैर डीएसपी माैजूद थे।
सागर पुलिस लाइन में साेमवार काे पुस्तकालय का लाेकार्पण डीअाईजी दीपक वर्मा अाैर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने किया।
इस पुस्तकालय की विशेषता यह है कि यहां प्रतियाेगी परीक्षाअाें के अलावा बच्चे, युवा व बुजुर्ग अाैर महिलाअाें के लिए कई राेचक अाैर कीमती पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय के लिए ज्यादातर बुक्स पुलिस अफसराें ने दान की हैं। किसी ने अपनी पुरानी पुस्तकें दी ताे किसी ने नई पुस्तकें खरीदने के लिए नकद राशि जमा की। डीएसपी, निरीक्षक, एसअाई से लेकर हवलदार, अारक्षक अाैर एसपी व अारअाई अाफिस के स्टाफ ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें जुटाईं हैं।
कार्यक्रम के सूत्रधार बीना एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि काेई भी व्यक्ति महज 100 रुपए जमा कर पुस्तकालय में पंजीयन कराकर सदस्य बन सकता है। लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ने के साथ ही सदस्य एक सप्ताह के लिए वह पुस्तक घर भी ले जा सकेगा।
पुरानी अारअाई अाॅफिस की एेतिहासिक बिल्डिंग काे रेनाेवेट कर यहां पुस्तकालय शुरू कराना पुलिस अधीक्षक सांघी की अभिनव पहल है। इसे मूर्तिरूप देने में यहां से ग्वालियर ट्रांसफर हुए अारअाई रणजीत सिंह सिकरवार की अहम भूमिका रही। पुस्तकालय के लाेकार्पण के साथ ही अारअाई सिकरवार काे विदाई दी गई अाैर नए अारअाई सुनील दीक्षित का स्वागत किया गया है।
डीअाईजी वर्मा ने पुलिस लाइन में शुरू हुए पुस्तकालय में सभी पुलिस कर्मियाें से पुस्तकें दान करने की अपील की। उन्हाेंने भविष्य में युवाअाें के लिए कुछ ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की भी सलाह दी। उन्हाेंने अारअाई सिकरवार के कार्यकाल की प्रशंसा की। उन्हाेंने नए अारअाई दीक्षित से पुलिस लाइन में कुछ अलग काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की बात कही। एसपी सांघी ने कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी दाेस्त हाेती हैं। वर्तमान परिवेश में लाेग किताबें पढ़ना भूलते जा रहे हैं। युवाअाें में भी बुक्स पढ़ने की अादत कम हाे रही है, जबकि पुस्तकाें में छिपा ज्ञान जीवन भर काम अाता है। काेशिश है कि लाेग पुस्कालय में कुछ समय किताबाें के बीच बिताएं।
उन्हाेंने कार्यक्रम में माैजूद लाेगाें से पुस्तकें दान करने की अपील की अाैर अारअाई सिकरवार काे एक अनुशासित अधिकारी बताया। इस अवसर पर एडिशनल एसपी राजेश व्यास, एडिशनल एसपी बीना विक्रम सिंह, सीएसपी अारडी भारद्वाज समेत निरीक्षक अाैर डीएसपी माैजूद थे।