, मौके पर देंगे बिजली बिल
नेपानगर / विद्युत वितरण कंपनी गांवों में जल्द ही क्यूआर कोड के माध्यम से मीटर रीडिंग लेने की व्यवस्था शुरू करने वाली है। लंबे समय से इसकी प्रक्रिया चल रही थी। अब जाकर इसके लिए स्टीकर तैयार हुए हैं। इन्हें मीटर पर चस्पा किया जा रहा है। नेपानगर ग्रामीण क्षेत्र में करीब ढाई हजार मीटर हैं। इनमें से करीब 80 फीसदी मीटरों पर स्टीकर लगाने का काम पूरा कर लिया है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है कि अधिकांश उपभोक्ता शिकायत करते थे कि उन्हें मनमाना बिल दिया जा रहा है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मीटर वाचक क्यूआर कोड से रीडिंग लेकर तुरंत उपभोक्ता के हाथाें में बिल भी थमा देगा।
बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार अभी इसकी शुरुआत ग्रामीण क्षेत्रों में की गई है। इसके बाद शहरों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि अब मीटर वाचक कितनी भी कोशिश कर ले, बिना क्यूआर कोड के उपभोक्ता का सर्विस नंबर नहीं खुलेगा। इसलिए मीटर वाचक को हर महीने उपभोक्ता के घर पहुंचकर क्यूआर कोड स्कैन करके ही उसे मौके पर बिल देना होगा।
क्यूआर कोड में नाम के साथ उपभोक्ता क्रमांक दर्ज
बिजली कंपनी ने क्यूआर कोड में उपभोक्ता क्रमांक के साथ उपभोक्ता का नाम भी दर्ज किया है। इसे मीटर वाचक द्वारा स्कैन करते ही ऑटोमेटिक बिल जनरेट हो जाएगा। बिजली कंपनी कर्मचारियों के अनुसार पहले मोबाइल में कंज्यूमर नंबर डालना पड़ता था। कहीं-कहीं तो मीटर के फोटो खींचे जाते हैं, लेकिन अब यह सब नहीं होगा।
यह होगा फायदा
बिजली कंपनी को बार-बार की शिकायतों से छुटकारा मिलेगा। क्योंकि उपभोक्ताओं की सबसे ज्यादा शिकायतें बिना देखे बिल दिए जाने की ही सामने आती हैं।
मीटर वाचक को भी उपभोक्ता से बिल मांगने या उसके घर में मौजूद नहीं होने पर किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वह सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करेगा और मौके पर ही बिल निकालकर उपभोक्ता को देगा।
कंपनी के अफसर भी निरीक्षण के दाैरान उपभोक्ता से बिल नहीं मांगेंगे। क्यूआर कोड स्कैन करने पर उपभोक्ता की सारी जानकारी उनके सामने होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के बाद इसे शहरों में लागू करने की योजना है।
क्षेत्र में करीब 80 फीसदी मीटरों पर क्यूआर कोड लगा दिए गए हैं। अब इसी के माध्यम से गांवों में मीटर रीडिंग होगी। अगले चरण में शहरों में यह व्यवस्था लागू होगी।
आरके पाटील, सहायक यंत्री, विद्युत वितरण कंपनी, नेपानगर