भोपाल / आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने हनी ट्रैप मामले की दूसरी अहम किरदार आरती दयाल से पूछा है कि एसआईटी ने उसका जो लॉकर खुलवाया था, वह खाली कैसे हो गया। गिरफ्तारी से दो दिन पहले वह अपना सारा पैसा निकालकर कहां ले गई। आईएएस अफसर से मिले 33 लाख रुपए कहां गए?
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने आयकर अधिनियम के सेक्शन 131 के तहत इंदौर जेल के जेलर को समन भेजकर आरती को पूछताछ के लिए भोपाल भेजने की व्यवस्था करने को कहा था। इसके बाद मंगलवार को आरती दयाल सुबह 11.30 बजे आयकर के दफ्तर पहुंची। हनी ट्रैप मामले की दूसरी अहम किरदार आरती दयाल से 6.30 घंटे पूछताछ की गई। आरती कुल 7 घंटे तक आयकर दफ्तर रहीं। बीच में उसे आधे घंटे का लंच ब्रेक दिया गया। आरती से इंदौर नगर निगम के अधिकारी हरभजन सिंह और एक आईएएस से एक करोड़ रुपए नकद लिए जाने के मामले के साथ 5 साल में किए गए सभी वित्तीय लेन-देन के बारे में पूछताछ की गई। इससे पहले सोमवार को श्वेता विजय जैन से पूछताछ हो चुकी है।
कोर्ट के आदेश के बाद आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 131 के समन देकर की जा रही पूछताछ सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत है। हनी ट्रेप के आरोपियों द्वारा पूछताछ के दौरान यहां दिए गए बयान एक न्यायिक जज के समक्ष दिए बयान माने जाएंगे। हनी ट्रेप और मानव तस्करी के मामलों की इंदौर और भोपाल की अलग-अलग कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग में आयकर विभाग के समक्ष दिए गए बयानों को भी शामिल किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विभाग ने एसआईटी से मिली जानकारी के साथ आरती दयाल के पांच साल में किए गए सारे वित्तीय लेनदेन की जानकारियां एकत्र की थीं। इसमें सैकड़ों एंट्रीज शामिल थीं, जिनमें अलग-अलग सोर्स से पैसा आना दिखाया गया था। आरती से पैसा देने वाले सभी लोगों की जानकारी मांगी गई। इस जानकारी के आधार पर विभाग आने वाले दिनों में और लोगों से पूछताछ करेगा। कई प्रभावशाली लोगों को भी इसी सेक्शन के तहत समन जारी किए जाएंगे। आरती और श्वेता विजय मिलकर ब्लैकमेलिंग गैंग चला रहीं थी। इसलिए श्वेता विजय द्वारा सोमवार को दिए गए बयानों के आधार पर भी आरती से ढेर सारे सवाल किए गए।
डायरियों में की गई इंट्री की जांच मुश्किल
आयकर विभाग के महानिदेशक (इंवेस्टिगेशन) राजेश टुटेजा ने बताया कि आयकर विभाग प्रारंभिक पूछताछ में बैंकिंग चैनल के माध्यम से किए गए वित्तीय लेनदेन अौर प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के लिए के प्रमाणों के आधार पर पूछताछ कर रहा है। डायरियों में की गई अस्पष्ट एंट्रीज के जरिए कुछ भी साबित करना खासा मुश्किल होता है। इसलिए फिलहाल विभाग पुख्ता प्रमाणों के आधार पर ही पूछताछ कर रहा है।
अब केंद्रीय जांच एजेंसियां एक्शन में ईडी भी करेगा जांच, विदेश यात्रा और मनी लॉन्ड्रिंग पर होगा फोकस
हनी ट्रैप केस में एसआईटी और इनकम टैक्स के बाद अब एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) भी जांच शुरू करेगा। इंकम टैक्स की जांच के बाद ईडी इस मामले को अपने हाथ में लेगा और आरोपियों के अवैध धंधों के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश यात्रा के दौरान भारी भरकम खर्चों पर पूछताछ शुरू करेगा। ईडी को यह तथ्य मिल गए हैं कि कुछ आरोपी महिलाओं को पिछले विधानसभा चुनाव से पहले दुबई भेजा गया था। आरोपी दुबई किसके इशारे पर भेजे गए और वहां रहने के बंदोबस्त और अन्य खर्चों में किन-किन लोगों ने उनकी मदद की, ये ईडी की जांच के केंद्र में होंगे। ईडी की जांच इसलिए अहम होगी क्योंकि ईडी नए सिरे से आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियों भी हनी ट्रैप व इससे जुड़ी जांच की क्लोज मॉनिटरिंग कर रही है।
आज बुलाया जा सकता श्वेता स्वप्निल जैन को
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग बुधवार को हनीट्रैप गैंग की तीसरी अहम कड़ी श्वेता स्वप्निल जैन से पूछताछ करेगा। श्वेता स्वप्निल जैन से पूछताछ लंबी चल सकती है। वह इस गैंग की सबसे हाईप्रोफाइल मेंबर मानी जा रही थी। जिसके कई रसूखदार आईएएस अधिकारियों और राजनेताओं के साथ करीबी संबंध थे। सबसे आखिरी में मोनिका यादव से पूछताछ हो सकती है।