दशक के चैम्पियन प्लेयर्स के टॉप-10 कोट्स

, योगेश्वर ने कहा था- हम डर के बिना बहादुर नहीं बन सकते







 










वर्ल्ड कप में किसी टीम की खैरात पर नहीं, खुद के दम पर जाना चाहिए: हॉकी प्लेयर रानी रामपाल


 

खेल डेस्क /  इस दशक में भारत ने क्रिकेट के अलावा कई खेलों में उपलब्धियां हासिल कीं। 2012 लंदन ओलिंपिक में एक तरफ एमसी मैरीकॉम कांस्य पदक जीतीं, तो वहीं 2019 में पीवी सिंधु बैडमिंटन में पहली बार वर्ल्ड चैम्पियन बनीं। रानी रामपाल के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने में सफल रही। वहीं, दुती चंद पिछले साल एशियाई खेलों में दो रजत पदक (100 मीटर और 200 मीटर) जीती थीं। हम पिछले दशक के ऐसे ही 10 चैम्पियन खिलाड़ियों के इंट्ररेस्टिंग कोट्स यहां पर आपको बता रहे हैं।


मैरीकॉम (बॉक्सर)
मैरीकॉम ओलिंपिक में भारत के लिए बॉक्सिंग में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2012 लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था। मैरीकॉम वर्ल्ड चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीत चुकी हैं।


कोट: ओलिंपिक पदक जीतने के बाद कहा था -अगर मैं दो बच्चों की मां होने के बाद पदक जीत सकती हूं, तो आप भी ऐसा कर सकते हैं। मुझे उदाहरण के तौर पर लें और कभी हार नहीं मानें।


दुती चंद (एथलेटिक्स)
दुती चंद ने पिछले साल एशियाई खेलों में दो पदक जीती थीं। उन्होंने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही समलैंगिक रिश्ते में होने की बात स्वीकारी थी। इसके बाद उनकी आलोचना भी हुई। उन्होंने एशियन गेम्स में बेहतर प्रदर्शन कर सबका मुंह बंद कर दिया।


कोट: समलैंगिंक एथलीट घोषित होने के बाद उन्होंने कहा था- प्यार में लड़का, लड़की नहीं होता है, सिर्फ साथी है।


साइना नेहवाल (बैडमिंटन)
साइना 2012 ओलिंपिक में कांस्य पदक जीती थीं। उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में दो और कॉमनवेल्थ गेम्स में पांच पदक अपने नाम किए हैं। साइना ने एशियन गेम्स में दो कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं।


कोट: एक बार रिटायरमेंट के सवाल पर साइना ने कहा था- मुझे नहीं लगता कि मेरे में दूसरों को बैडमिंटन सिखाने की क्षमता और धैर्य है।


अभिनव बिंद्रा (शूटिंग)
अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। भारत 1980 के बाद पहली बार ओलिंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा था। बिंद्रा ने इसके बाद 2010 दिल्ली और 2014 ग्लास्को कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण अपने नाम किया था।


कोट: मेरे में बस एक ही हुनर है कि मैं दूसरों से ज्यादा मेहनत कर सकता हूं। (ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद।)



रानी रामपाल (हॉकी)
रानी के नेतृत्व में इस बार भारतीय टीम ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। उनके नेतृत्व में ही भारतीय टीम पिछले साल वर्ल्ड कप में खेली थी।


कोट: रानी ने वर्ल्ड कप में क्वालिफाई करने के सवाल पर कहा था- वर्ल्ड कप में किसी टीम की खैरात से नहीं, खुद के दम पर जाना चाहिए।


पीवी सिंधु (बैडमिंटन) 
सिंधु बैडमिंटन में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने वाली इकलौती भारतीय है। उन्होंने 2016 रियो ओलिंपिक रजत पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।



कोट: आपका सपना वही है जो आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करता है। वो आपको पंख देने और ऊंची उड़ान भरने की शक्ति देता है।


योगेश्वर दत्त (रेसलर)
योगेश्वर लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीते थे। इसके बाद उन्होंने एशियन गेम्स 2014 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उनके नाम कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 और 2014 में स्वर्ण पदक भी है।



कोट: हम डर के बिना बहादुर नहीं बन सकते हैं। (डर के बारे में पूछे गए एक सवाल पर)


दत्तू भोकानल (रोइंग)
कोट: मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपने गांव तक पानी लाऊंगा। (महाराष्ट्र में सूखे से प्रभावित अपने गांव टालेगांव रूही के बारे में।)


मनप्रीत सिंह (कबड्डी)
कोट: कबड्डी रोड से फाइव-स्टार होटल में आ गई। (2014 में प्रो-कबड्डी लीग शुरू होने के बाद।)


मोहम्मद ईस्माइल (कबड्डी, ईरान)
कोट: कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसे सांकेतिक भाषा में समझा जा सकता है। यह अपने आपमें एक भाषा की तरह है। (प्रो-कबड्डी लीग में भारतीय खिलाड़ियों के साथ भाषाई दिक्कत के बारे में बात करते हुए।)